BS15. पूज्य गुरुदेव की अलौकिक दिनचर्या || संतो की मौज कैसी होती है और उस मौज-भरी दिनचर्यां में कितना उपदेश है
पूज्य गुरुदेव की अलौकिक दिनचर्या
प्रभु प्रेमियों ! सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंस जी महाराज की अलौकिक दिनचर्या में अध्यात्म और सेवा का एकीकरण था, जिसमें सत्संग, ध्यान और भक्ति प्रमुख थे। वे अपना समय समाज के उत्थान, आध्यात्मिक ज्ञान के प्रसार और 'संतमत' के अनुयायियों के मार्गदर्शन में समर्पित करते थे। उनकी दिनचर्या में गहन आध्यात्मिक अभ्यास और लोक कल्याण की भावना दोनों शामिल थे। 'पूज्य गुरुदेव की अलौकिक दिनचर्या' नामक प्रस्तुत पुस्तक में आपको उपरोक्त जानकारी भरपूर मात्रा में प्राप्त होगी आइये इस ग्रंथ के बारे में थोड़ा जानकारी प्राप्त करते हैं--
पूज्यपद गुरुसेवी भागीरथ साहित्य सीरीज की नौवीं पुस्तक "BS16 . महर्षि मेँहीँ के संक्षिप्त जीवन-उपदेश " के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए 👉 यहाँ दवाएँ।
पूज्य गुरुदेव की असीम दया से पूज्य गुरुदेव की नजदीकी शारीरिक सभी सेवाओं को करने का सौभाग्य मुझ अभागे को प्राप्त हुआ। सेवा करने के समय में मैं कुछ -कुछ इनकी मौज-भरी दैनिक दिनचर्या को अपनी याददाश्त में रखने के लिए लिख लिया करता था। पीछे उसी लिखी हुई बातों से कुछ संस्मरण "महर्षि मेहीं के दिनचर्या-उपदेश', 'अपने गुरु की याद में' और कुछ 'प्रेरक संत-संस्मरण' नाम्नी पुस्तक में प्रकाशित कर दिया गया है। अंतिम-अवस्था में जो दैनिक दिनचर्या में काफी उलट-फेर कर दिये, उन सभी बातों को भी मैं कॉपी में याददाश्त में रखने के ख्याल से लिख लिया करता था। संयोग से उस कॉपी को साथ में रहने वाले श्रीनाथू दासजी ने देख लिया और उसको पढ़ा। पढने के बाद हमसे कहने लगा कि इसको प्रकाशित करने से सत्संगियों को खुशी होगी। इसलिए इसे प्रकाशित करना चाहिए। यह बात और सत्संगियों से कहलवा दिये कि इसको जरूर प्रकाशित किया जाए। सत्संगियों के विशेष आग्रह करने पर यह पुस्तक प्रकाशित किया जा रहा है। मुझे विश्वास है कि इसके पढ़ने से अवश्य जानकारी होगी कि संतो की कैसी - कैसी मौज होती है और उस मौज- भरी दिनचर्या में कितना उपदेश भरा रहता है। मैं पूज्य गुरुदेव से प्रार्थना करता हूँ कि इस पुस्तक के पढ़ने से संतों के प्रति विशेष श्रद्धा उत्पन्न हो। --भगीरथ।
'पूज्य गुरुदेव की अलौकिक दिनचर्या' पुस्तक के बारे में इतनी अच्छी जानकारी के बाद आपके मन में अवश्य विचार आ रहा होगा कि यह पुस्तक हमारे पास अवश्य होना चाहिए, इसके लिए आप 'सत्संग ध्यान स्टोर' से इसे ऑनलाइन मंगा सकते हैं और महर्षि मेँहीँ आश्रम, कुप्पाघाट से भी इसे ऑफलाइन में खरीद सकते हैं. आपकी सुविधा के लिए 'सत्संग ध्यान स्टोर' का लिंक नीचे दे रहे हैं-
बिशेष-- प्रभु प्रेमियों ! पुस्तक खरीदने में उपरोक्त लिंक में से कहीं भी किसी प्रकार का दिक्कत हो, तो आप हमारे व्हाट्सएप नंबर 7547006282 पर मैसेज करें. इससे आप विदेशों में भी पुस्तक मंगा पाएंगे. कृपया कॉल भारतीय समयानुसार दिन के 12:00 से 2:00 बजे के बीच में ही हिंदी भाषा में करें। शेष समय में कौल करने से मोक्षपर्यंत ध्यानाभ्यास कार्यक्रम में बाधा होता है। अतः शेष समय में व्हाट्सएप मैसेज करें।
प्रभु प्रेमियों ! गुरुसेवी स्वामी भगीरथ साहित्य सीरीज में आपने 'महर्षि मेँहीँ के संक्षिप्त जीवन-उपदेश' नामक पुस्तक के बारे में जानकारी प्राप्त की. आशा करता हूं कि आप इसके सदुपयोग से इससे से समुचित लाभ उठाएंगे. इतनी जानकारी के बाद भी अगर आपके मन में किसी प्रकार का कोई शंका या कोई प्रश्न है, तो हमें कमेंट करें । इस लेख के बारे में अपने इष्ट मित्रों को भी बता दें, जिससे वे भी इससे लाभ उठा सकें। सत्संग ध्यान ब्लॉग का सदस्य बने। इससे आपको आने वाले हर पोस्ट की सूचना नि:शुल्क आपके ईमेल पर मिलती रहेगी। ऐसा विश्वास है । जय गुरु महाराज 🙏🙏🙏
प्रभु प्रेमियों ! भगीरथ साहित्य सीरीज की अगली पुस्तक "BS16 . महर्षि मेँहीँ के संक्षिप्त जीवन" इसमें कुछ रोचक नवीन प्रसंगों के साथ-साथ सद्गुरु महाराज किस प्रकार सम्माननीय व्यक्तिय्यों, धार्मिक स्थलों एवं वहाँ के प्रसाद का भी सम्मान करते थे और किस प्रकार छोटी-छोरटी व्यावहारिक बातों को भी सिखाते थे। इन सभी प्रसंगों को भी दुर्शाया गया हैं। प्रस्तुत पुस्तक में पूज्यपाद ने अपनी लिखी महर्षि मॅंहीं के दिनचर्या-उपदेश एवं अपने गुरु की याद में से प्रश्नोत्तरी और पूज्य महर्षि महेश योगी के बीच हुए वातालाप एवं सद्गुरु महर्षि मेँहीँ परमहंसजी महाराज के दो प्रवचनों को भी सम्मिलित किया गया हैं, जिससे साधकों को सत्संग-ध्यान की प्रेरणा मिले। जय गुरु महाराज !!! इस पुस्तक के बारे में विशेष जानकारी के लिए 👉 यहां दबाएं ।
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Reviewed by सत्संग ध्यान
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नवंबर 30, 2025
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